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थोड़ी में होगी पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक, चार पूर्व मुख्यमंत्री होंगे शामिल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ होने वाली सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा सीमित नहीं होगा। सभी अपने दिल की बात खुलकर कह सकेंगे ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

– प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक से पहले सीपीआइ-एम के नेता युसुफ तारीगामी ने कहा कि यहां विधानसभा चुनाव कराने से किसने रोका? हमारी आवाम के सामने यह भी मुद्दा है कि हमारी एक दूसरे से नाराजगी हो सकती है लेकिन हम अलग नहीं होना चाहते। सरकार ने बिना किसी से पूछे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया और बांट दिया

– नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला दिल्ली में पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के आवास पर पहुंचे

– नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दिल्ली में अपने आवास पर पहुंचे। वह आज बाद में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे।

– समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार जम्मू-कश्मीर के नेताओं की महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक से पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी से मुलाकात की और घाटी में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।

– भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के जम्मू-कश्मीर नेताओं के साथ बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचे।

– जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक पर जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह ने कहा, ‘मुझे आमंत्रित किया गया है। मान्यताप्राप्त पार्टियां को बुलाया गया है। लोगों के हक, इंसाफ, एकता, भाईचारा, भारत से मजबूती के बारे में बोलना है।चुनाव, लोकतंत्र, मानवाधिकार का सवाल है।’

–  नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के लिए श्रीनगर में अपने आवास से रवाना हुए।

– डोगरा फ्रंट ने जम्मू में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह विरोध मुफ्ती के उस बयान के खिलाफ है जो उन्होंने गुपकार की बैठक के बाद दिया था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे में एक हितधारक है। उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए।’

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना भी इसमें शामिल हैं। अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मा‌र्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह को आमंत्रित किया गया है।

अलगाववादियों व पाक को स्पष्ट संदेश

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। इससे केंद्र सरकार ने अलगाववादियों और उनके आका पाकिस्तान को संदेश दिया है कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मुद्दा है और इस पर वह सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के उन दलों से बात करेगी, जो भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। बैठक उस पुरानी कश्मीर नीति में भी बदलाव की पुष्टि करती है, जिसमें हालात सामान्य बनाने के लिए मुख्यधारा के दलों की उपेक्षा कर अलगाववादियों व उनसे संबधित संगठनों को विश्वास में लेने, उनसे बातचीत की प्रक्रिया को अपनाया जाता रहा है।

बेहतरी का रास्ता बनेगा

कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ और पत्रकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि इस बैठक का कोई ठोस नतीजा बेशक न निकले, लेकिन हर मुददे पर खुलकर बात होगी। बैठक जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए एक नया रास्ता तैयार करेगी।