119 खातेदारों ने लिया मुआवजा, वैशालीनगर में मिलेगी बसाहट
कोरबा। कुसमुंडा खदान में समाहित ग्राम जटराज के विस्थापितों को वैशालीनगर में बसाहट दी जाएगी। राजस्व शिविर में ग्रामीणों को विभिन्ना जानकारी देने के साथ उनके दस्तावेजों को दुरूस्त किया गया। ग्रामीणों बताया गया कि सभी180 खातेदारों में 119 को मुआवजा वितरण किया जा चुका है। शेष खातेदारों के दस्तावेज भी तैयार है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान के लिए अर्जित ग्राम जटराज में जिला प्रशासन व एसईसीएल के संयुक्त तत्वावधान में शिविर आयोजित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा अभिषेक शर्मा की अध्यक्षता में तहसीलदार कटघोरा रोहित सिंह, तहसीलदार दर्री डा रविशंकर राठौर, नायब तहसीलदार दीपका शशिभूषण सोनी, जोन आयुक्त विनोद शांडिल्य, रोजगार अधिकारी खांडे, महाप्रबंधक एसईसीएल कुसमुंडा खनन क्षेत्र आरपी सिंह, स्टाफ अधिकारी भू- राजस्व एसईसीएल कुसमुंडा, राजस्व निरीक्षक दुरपा आशीष सोनी, हल्का पटवारी रविंद्र बंजारे, दिनेश सेन, नीरज चंदेल, ममता सिंह, मोहन लाल कैवर्त, कोटवार समेत लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विद्युत, खाद्य विभाग के विभागीय अधिकारी- कर्मचारी, प्रभावित 180 खातेदार परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। शिविर में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा द्वारा विस्तारपूर्वक प्रभावित खातेदारों को जानकारी दी। खातेदारों के फौती, नामांतरण एवं राजस्व अभिलेख संबंधी त्रुटि सुधार के लिए जानकारी देकर आवेदन प्रस्तुत करने खातेदारों का नाम का वाचन किया गया। इसके साथ ही पेयजल बिजली राशन व अन्य समस्याओं के संबंध में अवगत कराने के लिए ग्रामवासियों से चर्चा किया गया। जटराज के खनन क्षेत्र के अत्यधिक समीप होने के कारण समय पर बसाहट नहीं लेने व परिसंपत्ति के मूल्यांकन नहीं कराने पर होने वाले हानि से ग्रामवासियों को अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि लगातार खनन क्षेत्र के निकट आने पर उनके परिसंपत्ति का अवमूल्यन हो रहा है। इसके कारण आर्थिक नुकसान होने के संबंध में भी ग्रामीणों को अवगत कराया गया। बसाहट के संबंध में वैशालीनगर में उपलब्ध शासकीय भूमि के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि सड़क, पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल, गार्डन, मैदान समेत बेहतर टाउनशिप बनाकर ग्रामवासियों को उचित व्यवस्था करा कर दी जाएगी। इस शिविर में फौती नामांतरण का एक, त्रुटि सुधार के चार समेत कुल मिलाकर 21 आवेदन मिले, इनका एक माह के भीतर निराकरण करने का निर्देश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने दिया।