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सचिन वाझे मामले में हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली पर ED हरकत में आया, मनी लांड्रिग की होगी जांच

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद ईडी सक्रिय हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही एनआइए से जांच का विस्तृत ब्यौरा मांगने जा रहा है। परमबीर सिंह के आठ पेज के पत्र में सच्चाई पाये जाने की स्थिति में ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है।

ईडी ने कहा- यदि परमबीर सिंह के आरोपों में सच्चाई है, तो मनी लांड्रिंग का मामला बनता है

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि परमबीर सिंह के आरोपों में सच्चाई है, तो सालाना हजारों करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग का मामला बनता है और इसकी तह तक जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अवैध वसूली से बनाई संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें जब्त करना ईडी का काम है। ये संपत्ति चाहे चल-अचल, नकद या फिर क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल रूप में ही क्यों नहीं हो।

सचिन वाझे ने अभी तक असली मकसद का खुलासा नहीं किया

वैसे सचिन वाझे ने अभी तक मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ों के साथ स्कार्पियो खड़ी करने के पीछे असली मकसद का खुलासा नहीं किया है, लेकिन ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि वाझे ने देश के सबसे बड़े उद्योगपति को भयभीत कर मोटी रकम वसूलने की साजिश रची थी, जिसमें वह खुद बुरी तरह फंस गया।

मुकेश अंबानी को डराकर वसूली करना अकेले वाझे के बस की बात नहीं थी

जाहिर है मुकेश अबानी को डराकर वसूली करना अकेले वाझे के बस की बात नहीं थी और इस साजिश में कई अन्य बड़े लोग भी शामिल होंगे, जिन तक वसूली की रकम पहुंचती थी। जिसका शक परमवीर ¨सह के पत्र में लगाए गए आरोपों से होता है। सचिन वाझे की मर्सिडीज कार से पांच लाख रुपये नकद और नोट गिनने की मशीन की बरामदगी से साफ संकेत मिलता है कि इसका इस्तेमाल हर दिन वसूल की जाने वाली रकम को गिनने के लिए किया जाता था।

ईडी ने कहा- सचिन वाझे का मामला मनी लांड्रिंग का केस है

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सचिन वाझे का मामला सीधे-सीधे मनी लांड्रिंग का केस है। और इसकी जांच जरूर की जाएगी। उन्होंने कहा कि एनआइए से अब तक की जांच का विस्तृत ब्योरा और एफआईआर की प्रति मिलते ही केस दर्ज कर लिया जाएगा।