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महानदी के जल को लेकर छत्तीसगढ़-ओडिशा के बीच 38 वर्षों से चल रहा विवाद

रायपुर: छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी के जल को लेकर 38 वर्ष से विवाद चल रहा है। 1983 में शुरू हुआ यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। कोर्ट के निर्देश पर महानदी जल विवाद प्राधिकरण (एमडब्ल्यूडीटी) का गठन किया गया है। प्राधिकरण की अब तक 18 बैठकें व सुनवाई हो चुकी है, लेकिन विवाद का हल नहीं निकल पाया है। इस बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से इसके समाधान की कोशिश की जा रही है।

इसी बीच केन- बेतवा को लेकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच चल रहे विवाद के खत्म होने से यहां भी उम्मीद बंधी है। हालांकि यह मामला महानदी जल विवाद से अलग है। जल संसाधन विभाग के अफसरों के अनुसार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच लिंक परियोजना के जल बंटवारे को लेकर विवाद था, लेकिन यहां नदी बेसिन पर अधिकार और निर्माण से लेकर जल बंटवारे तक का विवाद है।

हीराकुंड के पानी की कमी को लेकर शुरू हुआ विवाद

छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे ओडिशा के संबलपुर में केंद्र सरकार ने हीरकुंड बांध का निर्माण कराया है। बांध को ओडिशा को सौंप दिया गया। इसके बाद से हीरकुंड बांध में जब भी पानी की कमी होती है, ओडिशा हल्ला मचाना शुरू कर देता है। विशेष रूप से गर्मी के दिनों में बांध में जल की कमी का उल्लेख कर छत्तीसगढ़ से अधिक जल की मांग करता है।

वहीं, छत्तीसगढ़ का तर्क है कि हीराकुंड परियोजना की मूल आवधारणा और निर्धारित उपयोग का अतिक्रमण कर ओडिशा द्वारा औद्योगिक प्रयोजन व सिंचाई के लिए अधिक जल का उपयोग किया जा रहा है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ उत्तरदायी नहीं है।

धमतरी के सिहावा में है महानदी का उद्गम

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला स्थित सिहावा पर्वत से निकलकर महानदी करीब 885 किलो मीटर दूर बंगाल की खाड़ी तक जाती है। नदी का करीब 285 किलो मीटर का हिस्सा छत्तीसगढ़ में है। पैरी, सोंढुर, शिवनाथ, हसदेव, अरपा, जोंक व तेल इसकी सहायक नदियां हैं। इस नदी पर रुद्री बैराज व गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ में और हीराकुंड बांध ओडिशा में है।

शीघ्र समाधान की उम्मीद

छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी जल विवाद उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश के केन-बेतवा लिंक परियोजना विवाद से अलग है। चौबे ने महानदी जल विवाद के भी शीघ्र समाधान की उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से आग्रह किया गया है। समस्या का समाधान होता है तो दोनों राज्यों के लिए अच्छा रहेगा।