सजा दीवान, सहज पाठ साहिब के साथ हुआ अरदास
बिलासपुर। सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व शनिवार को सादगी पूर्वक मनाया गया। दयालबंद गुरुद्वारे समेत शहर व आसपास के गुरुद्वारों में सहज पाठ साहिब के समापन के साथ अरदास हुई। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सामूहिक आयोजन को पहले ही स्थगित कर दिया गया था। ऐसे में विशेष दीवान तो सजा लेकिन संगत यानी श्रद्धालुओं की उपस्थिति नहीं रही। अपने-अपने घरों में आनलाइन माध्यम से इसका आनंद उठाते रहे।
गुरु सिंहसभा दयालबंद प्रबंध समिति की ओर से बताया गया कि कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के कारण कोई आयोजन गुरुद्वारे में नहीं किया गया। सीमित संख्या में सहज पाठ साहिब का समापन हुआ। इसी के अनुरूप पाठ साहिब का समापन करा अरदास की गई। सुबह 10 बजे विश्व शांति के साथ ही कोरोना महामारी का विश्व से खात्मा करने के लिए प्रार्थना की गई। विशेष दीवान सुबह 10 बजे से सुबह 11:15 बजे तक सजा रहा। इसका सीधा प्रसारण इंटरनेट माध्यमों से किया जाएगा। इससे घरों में बैठे संगत का लाभ लिया।
सादगी से मनाया प्रकाश पूरब
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का प्रकाश पूरब सादगी से मनाया गया। कोरोना महामारी के चलते शनिवार को प्रकाश पूरब की खुशी में सुखमणि पाठ साहब किया गया। इसका सीधा प्रसारण इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किया गया। इसका आनंद संगत ने घर बैठे प्राप्त किया। धार्मिक आयोजन के संबंध में अमर भाई ने बताया कि सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां जन्म दिवस प्रकाश पूरब मसानगंज स्थित सिंधी गुस्र्द्वारे में मनाया गया।
इस अवसर पर श्री सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। इसके बाद अंनद साहिब पाठ कर कोरोना महामारी की समाप्ति के लिए अरदास किया गया। गुरुद्वारे के अमर रूपानी ने बताया की गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपनों प्राणों का बलिदान दे दिया था।उन्हे हिंद की चादर के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहे।