छोटे भाई की शिकायत से चंगुल में फंस गया बड़ा भाई
इंदौर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने जिस ठेकेदार कुणाल राय के ठिकानों पर छापा मारा उसकी शिकायत उसके छोटे भाई हिमांशु राय ने ही की थी। सीबीआइ ने जांच में एनटीपीसी मैनेजर शिवशंकर व्यास, उसकी पत्नी अंकिता के साथ कुणाल को भी मुलजिम बना दिया। शुक्रवार को हुई कार्रवाही के दौरान सीबीआइ निरीक्षक दीपक पुरोहित कुणाल के लेपटॉप और मोबाइल जब्त कर ले गए। सीबीआइ की भ्रष्टाचार विरोधी विंग शुक्रवार सुबह-सुबह एमआइजी कालोनी स्थित कुणाल राय के आफिस पहुंची तब वह कहीं चला गया था। अफसरों ने मकान मालिक राकेश महाराज से बातचीत की और उनसे ही काल कर कुणाल को बुलवाया। अफसरों ने कुणाल को सर्च वारंट तामिल करवाया और घर के चप्पे-चप्पे की तलाश शुरू कर दी।
हालांकि आफिस में कोई खास दस्तावेज नहीं थे। लेकिन सीबीआइ अफसरों ने करीब 4 घंटे छानबीन की और कुछ कागजात, मोबाइल और लेपटाप जब्त कर लिया। सीबीआइ ने कुणाल से पूछताछ भी। इस दौरान उसने बताया कि मैं तो खुद शिवशंकर व्यास, उसकी पत्नी अंकिता से परेशान था। सप्लाई, ठेके और फाइलों को आगे बढ़ाने के बदले रुपये मांगता था। जिस फरियादी की शिकायत पर केस दर्ज हुआ वह उसका छोटा भाई हिमांशु ही है। हिमांशु से किसी और ने नहीं बल्कि खुद कुणाल ने ही शिकायत करवाई थी।
भाई को प्रशासनिक अफसर बताकर धमकाती थी मैनेजर की पत्नी
कुणाल ने बताया शिवशंकर व्यास उस वक्त खरगोन राष्ट्रीय ताप विधुत निगम(एनटीपीसी) में पदस्थ था। वह हर काम के लिए रुपये मांगता था। बड़े ठेकों में पार्टनर बन जाता था। कमिशन के रुपये पत्नी अंकिता के खातों में जमा होते थे। एक बार रुपये के लिए अंकिता ने कथित भाई से बात करवाई। उसने स्वमं को प्रशासनिक अफसर बताया और कान्फ्रेंस पर लेकर अंकिता ने जमकर गालियां दी। इसके बाद ही मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचा और एनटीपीसी की विजिलेंस शाखा ने जांच बैठा दी। विजिलेंस जीएम एसपी उपाध्याय ने जांच की और मैनेजर व्यास व कुणाल राय के मध्य हुई बातचीत, चैटिंग भी जब्त कर ली।