विधानसभा का सत्र जल्द खत्म होने पर सियासी बयानबाजी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र 17 दिन पहले खत्म होने पर अब कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्र के छोटा होने पर विपक्ष की हठधर्मिता को जिम्मेदार बताया। अब नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से कोई भी सत्र पूरा नहीं हुआ।
पिछले सत्र को भी समय से पहले समाप्त कर दिया गया। भाजपा एक-एक मिनट का उपयोग करना चाहती थी। हम चाहते थे कि भ्रष्टाचार की चर्चा हो, कानून व्यवस्था पर चर्चा हो। सीएम ने कहा था कि सबको नेता प्रतिपक्ष बनने की होड़ लगी है। इस पर कौशिक ने कहा कि बड़े-बड़े वादे किए और उसकी वादा खिलाफी हो रही है। सरकार को घोषणा पत्र की याद नहीं है, विपक्ष को घोषणा पत्र की याद दिलानी पड़ रही है।
वहीं, विधायक अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी (छत्तीसगढ़ कांग्रेस) शानदार सत्र के लिए आपको और विशेष तौर पर और खास तौर पर आपके संसदीय कार्यमंत्री को बधाई। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सत्र जल्दी खत्म होने पर भाजपा को निशाने पर लिया। मरकाम ने कहा कि विपक्ष अब भी सत्ता मद से बाहर नहीं आई है।
मरकाम ने कहा कि भाजपा को अपने कार्यकाल को भी याद करना चाहिए। अंतागढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार को खरीदना, झीरम घाटी में कांग्रेस की एक पीढ़ी की हत्या कराना और सीबीआइ जांच पर रोक लगाने जैसी घटना से भाजपा का चरित्र उजागर होता है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने अजय चंद्राकर के बयान पर पलटवार किया। तिवारी ने कहा कि इस सत्र में एक कमी रह गई। अजय चंद्राकर जो नेता प्रतिपक्ष के सर्वाधिक योग्य हैं, उन्हें भी उत्कृष्ट विधायक का तमगा प्रदान करना था। भाजपा में उनकी महान योग्यता का तिरस्कार किया जा रहा है।