थियेटर कमानों की स्थापना में लग सकते हैं दो-तीन साल, नए ढांचे को अंतिम रूप देने का काम जारी
नई दिल्ली। प्रस्तावित थियेटर कमानों की स्थापना में दो से तीन साल का समय लग सकता है क्योंकि उनके निर्माण के लिए महत्वपूर्ण ढांचागत बदलाव करने होंगे। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को नए ढांचे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने का काम करने वाले अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे नई संरचनाओं के विभिन्न परिचालन पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।योजना के अनुसार, प्रत्येक थियेटर कमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक आपरेशनल कमांडर के तहत निíदष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों की निगरानी करने वाली एक इकाई के रूप में काम करेंगी। वर्तमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं।
‘शांति वार्ता के लिए असम के सीएम को मध्यस्थ बनाने पर आपत्ति नहीं’
प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम उल्फा (स्वतंत्र) ने कहा है कि यदि शांति वार्ता के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को केंद्र द्वारा मध्यस्थ नियुक्त किया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। उल्फा (स्वतंत्र) ने कहा कि सरमा एक योग्य व्यक्ति हैं और वह इस समस्या के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को जानते हैं।उल्फा (स्वतंत्र) के प्रमुख परेश बरुआ ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से ही बार-बार कह रहे हैं कि वह उग्रवाद की समस्या को हल करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे और उनकी यह पहल राज्य की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने की दिशा में वास्तविक और साहसिक कदम प्रतीत होती है।