नवरात्र पर कालोनियों में हो सकेंगे गरबा, पर व्यावसायिक गरबे पर रहेगी रोक
जबलपुर। शहर में नवरात्र पर्व पर गरबा के आयोजन होंगे, लेकिन ज्यादा भीड़ में नहीं। गरबा आयोजन स्थल की तय क्षमता से 50 फीसदी लोग ही इस आयोजन में शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही 15 अक्टूबर से शहर के सभी कोचिंग संस्थानों को शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोला जाएगा। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने धार्मिक कार्यक्रम एवं त्योहारों को देखते इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं हालांकि इस दौरान सभी धार्मिक आयोजनों में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा सोसायटी, कालोनियों और मोहल्लों में होने वाले गरबा आयोजन में स्थल की क्षमता से 50 प्रतिशत की सीमा तक उपस्थिति के साथ गरबा आयोजन की अनुमति दी जाएगी। वहीं व्यावसायिक स्तर पर बड़े स्वरूप में होने वाले गरबा की अनुमति नहीं होगी। वहीं जिले के नगरीय क्षेत्रों में रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू प्रभावशील रहेगा।
चल समारोह भी नहीं होगा : कलेक्टर ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के आधार पर शहर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य किया है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि नवरात्र पर न तो चल समारोह होंगे और न ही किसी तरह का जुलूस निकाला जाएगा। सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरजंन, सांस्कृतिक, मेले, धार्मिक चल समारोह पर रोक होगी। प्रशासन ने प्रतिमा के लिए पंडाल लगाने के लिए इसका आकार तय किया है, जिसमें 30 बाय 45 फीट का पंडाल बनाने की ही अनुमति दी है। वहीं खुले भोजन, भंडारे और लंगर पर भी रोक लगाई गई है।
10 लोग ही कर सकेंगे मूर्ति विसर्जन : मूर्ति विसर्जन को लेकर भी प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संबंधित आयोजन समिति द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान अधिकतम 10 व्यक्ति के मौजूद होने की अनुमति दी गई है। मूर्ति का विसर्जन नर्मदा नदी में न कर स्थानीय ग्रामीण, नगरीय निकाय एवं नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंडों, स्थलों पर ही होगा। धार्मिक, पूजा स्थल में भी तय क्षमता से आधे लोग भी यहां आ सकेंगे। रावण दहन के बड़े आयोजनों की करने की अनुमति नहीं दी गई है।
शादी होंगी, पर 300 लोगों में ही : जिला प्रशासन ने शादी-विवाह कार्यक्रम को लेकर भी अपने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें यह स्पष्ट कर दिया गया है कि विवाह आयोजनों में दोनों पक्षों को मिलाकर अधिकतम 300 लोग ही उपस्थित हो सकते हैं। इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 200 लोगों के उपस्थित होने की अनुमति रहेगी।