तीन और पंचायत सचिवों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
बिलासपुर। राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार ग्राम पंचायत के सचिवों पर पंचायत सेवा आचरण नियमों को लेकर जिला पंचायत की पैनी नजर लगी हुई है। तीन और पंचायत सचिवों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। एक सचिव की बर्खास्तगी की अनुशंसा सामान्य प्रशासन समिति ने की है। सामान्य प्रशासन समिति की कड़ाई के बाद माना जा रहा है कि पंचायत सचिवों के कामकाज पर शिकंजा कसेगा और शिकायतों का दौर भी शुरू होगा।
पंचायत सेवा आचरण नियमों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पहली बार है जब पंचायत राज अधिनियम में दिए गए प्रविधानों व व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। प्रदेश में यह पहली बार हुआ जब इन्हीं प्रविधानों की व्याख्या करते हुए ग्राम पंचायत खैरा लगरा के पंचायत सचिव को सामान्य प्रशासन समिति ने बर्खास्त कर दिया है। सामान्य प्रशासन समिति की अनुशंसा के मद्देनजर जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी कर दिया है। खैरा लगरा के पंचायत सचिव पर आरोप है कि उसकी मां ग्राम पंचायत मटियारी की सरपंच पद पर निर्वाचित हुई थीं। कामकाज संभालने के बाद उतरा कुमार पंचायत का कामकाज देखने लगा। गांव में पंचायत की तरफ से निर्माण कार्य भी कराने लगा था
पंचायत सचिव पद का दुरुपयोग करते हुए निर्माण कार्य के एवज में पंचायत के खाते से पांच लाख 54 हजार 100 रुपये अपने नाम से आहरण कर लिया। इसके अलावा 50 हजार रुपये का बिल भी अपने नाम से जारी कर आहरण कर लिया। पंचायत सचिव के इस कृत्य की जिला पंचायत में शिकायत की गई। मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ ने जांच कमेटी का गठन कर रिपोर्ट पेश करने कहा था। कमेटी की जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर कमेटी ने ऊनी रिपोर्ट सीईओ को सौंप दी थी। बुधवार को सामान्य प्रशासन समिति के समक्ष इस प्रकरण को रखा गया था। सामान्य प्रशासन समिति ने पंचायत सचिव के बर्खास्तगी की अनुशंसा कर दी है।
क्या है नियम
पंचायती राज अधिनियम में दिए गए प्रविधान के तहत पंचायत सेवा आचरण नियम में यह शर्त रखा गया है कि कोई भी कर्मचारी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना व्यवसाय नही कर सकता। खैरा लगरा के पंचायत सचिव ने पंचायत सेवा आचरण नियम का उल्लंघन किया है।