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मार्च माह में इस दिन मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की तिथि, शुभ पूजन मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में. हिंदू पंचाग के अनुसार साल 2022 में महाशिवरात्रि तिथि 1 मार्च, मंगलवार सुबह 3:16 मिनट से शुरू होकर और चतुर्दशी तिथि का समापन 2 मार्च, बुधवार सुबह 10 बजे होगा.

महाशिवरात्रि के पहले प्रहर की पूजा- 1 मार्च, 2022 शाम 6:21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक है.

इस दिन दूसरे प्रहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 9:27 मिनट से 12: 33 मिनट तक होगी.

तीसरे प्रहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 12:33 मिनट से सुबह 3 :39 मिनट तक है.

चौथे प्रहर की पूजा- 2 मार्च सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक है.

पारण समय- 2 मार्च, बुधवार 6:45 मिनट के बाद

महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. इसके बाद पूजा स्थान पर जल के से भरे कलश की स्थापना करने के बाद शिव और पार्वती की मूर्ति या तस्वीर रखें. इसके बाद अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लैंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि अर्पित करें. पूजन के बाद भगवान की आरती करें.

मान्यता है भगवान शिव (Lord Shiva) शंकर बेहद दयालु और कृपालु हैं, वे मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. बता दें कि हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के साथ-साथ साल में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का भी खास महत्व है.

महाशिवरात्रि की पूजा सामग्री विशेष होती है. पूजा सामग्री में उन चीजों को प्रयोग में लाया जाता है जो भगवान शिव की प्रिय होती हैं. पूजा सामग्री में शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. महाशिवरात्रि की पूजा में दही, मौली, अक्षत(चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कुमकुम, पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल के साथ-साथ इन चीजों को भी शामिल करते हैं- बेलपत्र भांग मदार धतूरा गाय का कच्चा दूध चंदन रोली कपूर केसर