न सर्दी-जुकाम न बुखार, हाथ-पैर और पेट दर्द, ये है कोरोना की नई पहचान
इंदौर। कोरोना के बदले लक्षणों से डॉक्टर भी हैरान हैं। अब सर्दी-जुकाम, बुखार कोरोना के मुख्य लक्षण नहीं रहे। पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों में कोरोना की पुष्टि हो रही है जिन्हें न बुखार आ रहा है न सर्दी-जुकाम हुआ। बल्कि ये लोग तो हाथ-पैर, बदन दर्द, सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत के साथ डॉक्टरों के यहां पहुंचे थे। आरटीपीसीआर कराने पर पता चला कि ये संक्रमित हैं। डॉक्टरों के मुताबिक पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बदन दर्द की शिकायत लेकर अाने वाले करीब 40 प्रतिशत मरीजों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।
दिक्कत यह है कि लक्षणों में बदलाव की वजह से इस तरफ ध्यान ही नहीं जाता कि मरीज को कोरोना भी हो सकता है। डॉक्टर के पास जाने के बजाय मरीज घर पर ही पेट दर्द, बदन दर्द का घरेलू इलाज करता रहता है। जब फर्क नहीं पड़ता तो डॉक्टर के पास पहुंचता है लेकिन तब तक वायरस शरीर को नुकसान पहुंचा चुका होता है। जरूरी है कि जरा भी आशंका होने पर तुरंत जांच करवा ली जाए ताकि इलाज समय पर शुरू हो सके।
एमजीएम मेडिकल कालेज के श्वसन तंत्र विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल भार्गव के मुताबिक कोविड-19 के लक्षणों में एक साल में बहुत बदलाव आ गया है। पेट दर्द, दस्त, जी मचलाना, उल्टी के साथ बदन दर्द, जोड़ों में दर्द कोरोना के मुख्य लक्षण बन गए हैं। इन लक्षणों के ज्यादातर मरीज घर पर ही रहकर इलाज कराते रहते हैं जबकि उन्हें कोविड प्रोटोकाल के तहत निर्धारित दवाइयों की जरूरत होती है।
अरबिंदो मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डॉ. रवि डोसी के मुताबिक इन दिनों सर्दी-जुकाम के लक्षण के साथ बहुत कम संक्रमित आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज ऐसे हैैं जिनमें पेट दर्द, बदन दर्द जैसे लक्षण हैं। जरूरी यह है कि लगातार बदन दर्द, पेट दर्द रहने पर तुरंत कोविड की जांच करवा ली जाए ताकि समय से इलाज शुरू हो सके।
राहत की बात
डॉक्टरों के मुताबिक राहत की बात यह है कि इस तरह के मरीजों में वायरस का दुष्प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं होता। ये मरीज खुद संक्रमित होते हैं लेकिन ये उस व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर पाते जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है।