विद्युत शवदाह गृह में निगमकर्मी बनकर अंत्येष्टि के लिए ठगे 1500 स्र्पये
ग्वालियर। लक्ष्मीगंज गैस शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कराने के दौरान मृतक के पुत्र से निगम कर्मचारी बनकर एक युवक ने 1500 रुपये ठग लिए। रसीद मांगने पर उसने देने से मना कर दिया। इस मामले में उपायुक्त अतिबल सिंह को मृतक कृष्णलाल सप्रा के पुत्र सुधीर सप्रा ने फोन लगाकर शिकायत की, लेकिन वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद सुधीर सप्रा ने अस्थियों के साथ निगमायुक्त शिवम वर्मा के सामने धरने पर बैठने की बात कही। जिसके बाद शाम को उपायुक्त ने अज्ञात युवक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आवेदन दिया है।
नगर निगम के लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में गैस शवदाह गृह में निशुल्क शवदाह किया जाता है, लेकिन मृत शरीर को अंदर ले जाने के लिए पांच से छह लकड़ी लगती हैं, इन लकड़ियों का शुल्क करीब 400 से 500 रुपये आता है। शुक्रवार को कृष्णलाल सप्रा उम्र 93 साल का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार लक्ष्मीगंज गैस शवदाह गृह में कराया गया। इसी दौरान वहां पर एक युवक निगम कर्मचारी बनकर आया और सुधीर सप्रा से अंतिम संस्कार के नाम पर 1500 रुपये ले गया। इसके बाद जब उससे रसीद मांगी गई तो उसने देने से मना कर दिया। सुधीर सप्रा ने इसकी शिकायत निगम में उपायुक्त अतिबल सिंह यादव से की। अतिबल सिंह ने बताया कि वहां पर शवदाह निशुल्क होता है, निगम का कर्मचारी पैसे नहीं लेता है। इसके बाद उपायुक्त अतिबल के आदेश पर विद्युत शवदाह गृह के नोडल ऑॅफीसर रामबाबू दिनकर ने पैसे ठगने वाले युवक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आवेदन दिया है।
विद्युत शवदाह व गैस शवदाह होता है निशुल्कः उपायुक्त अतिबल सिंह यादव ने बताया कि निगम द्वारा विद्युत व गैस स्टेशन से शवदाह निशुल्क कराया जाता है। गैस स्टेशन दाह संस्कार में पांच फीट लंबाई के शव में पांच लकड़ी व पांच फीट से अधिक लंबाई के शव में छह लकड़ी (दो फीट लंबी, 1.5 इंच मोटी व 1.5 इंच चौड़ी) का उपयोग किया जाता है। यह लकड़ी मुक्तिधाम के बाहर 400 से 500 रुपये की कीमत में मिल जाती हैं। इसके साथ ही दाह संस्कार निगम द्वारा निशुल्क कराएं जाने के फ्लैक्स व बोर्ड लगाने की व्यवस्था भी निगम द्वारा की जा रही है। उपायुक्त ने आमजनों से अपील की है कि वह भावुकता में आकर किसी भी व्यक्ति को सीधे पैसे नहीं दें, बल्कि स्वयं लकड़ी खरीदकर लाकर दें।