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भारत में मोदी राज से परेशान PM इमरान, बोले- RSS सरकार जाते ही सुधरेंगे भारत-पाकिस्तान संबंध

इस्लामाबाद: भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हमेशा कंफ्यूज और टेंशन में रहे हैं और जाने-अंजाने में वह इसका जिक्र करके सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो जाते हैं।  इमरान खान ने हाल में ही अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी मोदी सरकार का रोना रोया और कहा कि (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) RSS की सत्ता से विदाई के बाद ही भारत-पाकिस्तान संबंधों  में सुधार संभव होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर RSS  की विचारधारा से चलने का आरोप भी लगाया। इससे पहले इमरान ने भारत में 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के पहले कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बनते हैं तो कश्मीर को लेकर बातचीत आगे बढ़ सकती है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर ने इमरान खान से पूछा कि अगर मोदी सरकार सत्ता छोड़ती है तो क्या भारत-पाकिस्तान संबंध सुधरेंगे तो  इसके जवाब में इमरान ने लंबी-चौड़ी भूमिका बनाते हुए कहा कि वह भारत को किसी भी अन्य पाकिस्तानी से बेहतर जानते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें भारत से किसी भी दूसरे देशों की अपेक्षा अधिक प्यार और सम्मान मिला है क्योंकि क्रिकेट एक बड़ा खेल है। दोनों देशों में लगभग एक धर्म है। उन्होंने कहा कि जब वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी से संपर्क किया। उन्होंने इस बातचीत में भारत के पीएम से कहा कि उनका उद्देश्य पाकिस्तान में गरीबी को कम करना है। इमरान ने बताया कि इसलिए उन्होंने पीएम मोदी के कहा कि गरीबी दूर करने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य, सभ्य व्यापारिक संबंध हों। इससे दोनों देशों को फायदा होगा
इमरान खान ने दावा किया कि हमने हमेशा भारत सेसं बंध सुधारने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि  मुझे लगता है कि यह  RSS की एक अजीब विचारधारा है जिससे पीएम नरेंद्र मोदी भी फॉलो करते हैं इसलिए दोनों देशों के संबंधों सुधार नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि अगर कोई और भारतीय नेतृत्व होता तो पाक के उनके साथ अच्छे संबंध होते और   हमने बातचीत के जरिए अपने सभी मतभेदों को सुलझा भी लिया होता। न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर के अगले सवाल कि अगर कश्मीर में यथास्थिति बनी रहती है तो क्या पाकिस्तान इसे भारत की जीत मानेगा, के जवाब में इमरान ने कहा कि यह भारत के लिए एक आपदा होगी। इसका मतलब यह होगा कि यह संघर्ष आगे और आगे बढ़ता रहेगा।  इसलिए जब तक यह बना रहता है तब तक पाकिस्तान और भारत के बीच कोई भी संबंध सामान्य नहीं बन पाएगा।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले इमरान खान ने कहा था कि अगर भारत में भारतीय जनता पार्टी की जीत होती है और नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो शांति वार्ता की संभावना ज्यादा रहेगी। भाजपा दक्षिणपंथी पार्टी है और वो जीतती है तो कश्मीर को लेकर बातचीत आगे बढ़ सकती है। उन्होंने विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत में यह भी कहा था कि अगर भारत में नई सरकार कांग्रेस की बनती है तो हो सकता है कि वो पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर डरी हुई हो।

गौरतलब है कि 1947 से लेकर 2021 तक इतिहास गवाह रहा है कि किसी भी पार्टी की सरकार में पाकिस्तान के साथ संबंध वैसे नहीं सुधरे जैसे दूसरे पड़ोसी देशों के साथ हैं। आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार के दौरान ही पाकिस्तान ने कबायलियों की आड़ में कश्मीर पर हमला कर दिया था। 1965 में लाल बहादुर शास्त्री की सरकार के दौरान भी पाकिस्तान के साथ जंग लड़ी गई। 1971 में इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान हुए युद्ध ने तो पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के लिए लाहौर की बस यात्रा की, मुशर्रफ आगरा आए, लेकिन 1999 में करगिल युद्ध हो गया।