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मेडिकल कालेज के कर्मचारी हड़ताल पर, भटक रहे मरीज

बिलासपुर: वेतनवृद्धि की मांग को लेकर सिम्स(मेडिलक कालेज) के कर्मचारियों की अनिश्चितकाली हड़ताल सोमवार को शुरू हो गई। 400 से ज्यादा कर्मचारियों के कामबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर देखने को मिला। ओपीडी, पैथोलेब, एक्सरे, एमआरआई जांच के लिए मरीजों की भीड़ तो लगी, लेकिन उन्हें वहां तक पहुंचाने व जांच, उपचार कराने वाले स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिले। ऐसे में आधे उपचार से वंचित हो गए।

सुबह 9 बजे तीसरे और चौथे वर्ग के 400 कर्मचारियों ने रिवर व्यू में हड़ताल शुरु की। इस दौरान कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि अब यह आंदोलन मांग पूरी होने की दशा में ही समाप्त होगा।

मालूम हो कि इससे पहले किए गए दो दिन के हड़ताल का कोई भी असर सिम्स प्रबन्धन को नहीं पड़ा है। ऐसे में मांगों के लिए आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचा है। सिम्स में तीसरे वर्ग के कर्मचारियों की सालों से सुध नहीं ली जा रही है, आलम यह है कि सात साल से इन कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं दिया गया है।

जबकि बड़े अधिकारियों का हर साल इंक्रीमेंट मिलता है। इसके अलावा मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा गया। मांग करने के बाद भी सिम्स प्रबंधन कर्मियों के आवाज को दबाते आ रहे है। वही अब कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सिम्स की तमाम चिकित्सा व्यवस्था ठप पड़ गई है।

इन सेवाओं पर पड़ा असर

कामबंद हड़ताल पर चले जाने से इसका इतना ज्यादा असर पड़ा कि पूरी चिकित्सा सेवा थम सी गई। वार्डो में काम करने के लिए सफाई कर्मचारी तक नहीं मिले। ओपीडी में डाक्टर तो रहे लेकिन ओपीडी संचालन के लिए कर्मचारी नहीं मिले। इसी तरह एमआरआई, सिटीस्कैन, सोनोग्राफी, एक्सरे जांच भी पूरी तरह प्रभावित रहा। वही पैथोलेब में भी कई प्रकार के जांच के लिए सेंपल लेने दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा