मिथेनाल का दुरुपयोग करने वालों को खोज रहा आबकारी विभाग, जहरीली शराब बनाने की आशंका
इंदौर। दवा कंपनियों और अन्य कारखानों में उपयोग हाेने वाले रसायन मिथेनाल के दुरुपयोग को लेकर आबकारी विभाग ने अपनी जांच-पड़ताल तेज कर दी है। इस रासायनिक पदार्थ से अवैध तरीके से शराब बनाने की आशंका है जो जहरीली होती है। पिछले दिनों उज्जैन और मंदसौर में जहरीली शराब के कारण कई मौतें भी हो चुकी हैं। इसमें घातक रासायनिक द्रव्य मिथेनाल पाया गया था।
अवैध शराब के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए सरकार का ध्यान इस तरफ गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शराब माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद इंदौर जिला प्रशासन ने शराब माफिया और अवैध तरीके से शराब बनाने वालों पर कार्रवाई के लिए अभियान शुरू किया है। इसी सिलसिले में आबकारी विभाग की टीम ने सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में चार दिन पहले दवा बनाने वाली कंपनी यूनीड्रग के कारखाने की जांच की थी। इसमें बिना लाइसेंस लिए मिथेनाल का उपयोग किया जा रहा था।
जांच दल ने कारखाने में रखा 6500 किलोग्राम मिथेनाल सील किया था। इसके अलावा पंचशील आर्गेनिक्स लिमिटेड के कारखाने में भी मिथेनाल के लाइसेंस के बिना उत्पादन किया जा रहा था। यहां भी 160 किलोग्राम मिथेनाल सीलबंद कर इसका उत्पादन रोक दिया गया। आबकारी सहायक आयुक्त राजनारायण सोनी ने बताया कि मिथेनाल के दुरुपयोग पर हमारी लगातार नजर है। मिथेनाल का उपयोग करने वाले कारखानों के बारे में पता कर जांच की जाएगी। अवैध तरीके से शराब पिलाने और बेचने के मामले में पिगडंबर में ढाबा संचालक चंदरसिंह के खिलाफ प्रशासन ने भी कार्रवाई की और उसका ढाबा तोड़ा है।