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विवाह समारोह से कोरोना फैलने के मामले में निर्णय सुरक्षित

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त के परिवारिक विवाह समारोह से कोरोना फैलने के मामले में निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इसके पूर्व मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार व नगर निगम का पक्ष सुना।

आनंद कॉलोनी बल्देवबाग निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश त्रिपाठी की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि 30 जून 2020 को नगर निगम के तत्कालीन अपर आयुक्त राकेश अयाची की बेटी का विवाह समारोह होटल गुलजार में आयोजित किया गया था। उन्होंने विवाह समारोह के लिए अनुमति नहीं ली। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को समारोह में आमंत्रित किया गया। इसके कारण बड़ी संख्या कोरोना संक्रमण फैल गया।अधिवक्ता पंकज दुबे ने कहा कि होटल से विवाह समारोह के सीसीटीवी फुटेज भी नष्ट कर दिए गए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति निरस्त करने पर नोटिस : हाईकोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति निरस्त करने पर नोटिस जारी किया है। एकल पीठ ने सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग, परियोजना अधिकारी, सीहोर कलेक्टर और अपर आयुक्त भोपाल से छह सप्ताह में जवाब-तलब किया है। याचिका में कहा गया कि 10 दिसंबर 2019 को उसकी नियुक्ति सीहोर के ग्राम पंचायत ग्वाली में हुई थी। नियुक्ति के कुछ समय बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से नियुक्ति के खिलाफ कलेक्टर के समक्ष प्रकरण दायर किया। कलेक्टर ने प्रकरण खारिज कर दिया। इसके बाद अपर आयुक्त भोपाल के समक्ष अपील दायर की गई। अपर आयुक्त भोपाल ने सुनवाई का अवसर दिए बगैर उसकी नियुक्ति निरस्त कर दी। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शंभूदयाल गुप्ता, कपिल गुप्ता, आशा नाग्देव और विजय दुबे पैरवी कर रहे है।