अगले महीने होगी GST काउंसिल की बैठक, टैक्स चोरी रोकने के लिए हो सकता है ये बड़ा बदलाव
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों में टैक्स चोरी की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए जीएसटी काउंसिल अगले महीने होने वाली अपनी बैठक में इस पर बड़ा फैसला ले सकता है। जीएसटी काउंसिल समरी रिटर्न और मंथली टैक्स भुगतान फॉर्म GSTR-3B में संशोधन पर विचार कर सकती है, ताकि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों की जांच की जा सके और वास्तविक सेटलमेंट में तेजी लाई जा सके।जीएसटी काउंसिल को कुछ दिनों पहले ही टैक्स भुगतान के मामलों में फर्जीवाड़े की शिकायतें मिली थी। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
फॉर्म संशोधन से आएगी स्पष्टता
अधिकारियों के अनुसार यह संशोधित फॉर्म टैक्सपेयर्स को ग्रास इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी), किसी महीने में दावा की गई राशि और करदाता के लेजर (खाता बही) में बचे नेट एमाउंट के संबंध में स्पष्टता प्रदान करेगा।जीएसटी मामले में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक अगले महीने होने की संभावना है। संशोधित फॉर्म फर्जी आईटीसी दावों की जांच करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ईमानदार करदाता समय पर आईटीसी लाभ प्राप्त करने में सक्षम हों। अधिकारी ने कहा कि जीएसटी परिषद की कानून समिति जीएसटीआर-3बी को सुव्यवस्थित करने पर विचार कर रही है, ताकि आईटीसी के खुलासे पर और स्पष्टता आए। संशोधित जीएसटीआर-3बी को परिषद की अगली बैठक में पेश किए जाने की उम्मीद है।
GSTR-3B, जो एक समरी स्टेटमेंट और मासिक GST भुगतान फॉर्म है, उसे करदाताओं की अलग-अलग कैटेगरी के लिए हर महीने की 20, 22 और 24 तारीख के बीच अलग-अलग तरीके से दाखिल किया जाता है।
कैसीनो, रेस कोर्स और ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी
एएमआरजी एंड एशोसिएट के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि मासिक टैक्स पेमेंट फॉर्म में बदलाव से उन टैक्सपेयर्स की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो अपात्र टैक्स क्रेडिट का दावा कर रहे हैं। मोहन ने कहा कि नया फॉर्म बैंकों और एनबीएफसी, तेल और गैस क्षेत्र की कंपनियों, शराब बनाने वाले, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं, स्वास्थ्य और शैक्षिक सेवाओं सहित वित्तीय संस्थानों द्वारा ग्रास (सकल) कर क्रेडिट की रिपोर्टिंग में बदलाव लाएगा।
उन्होंने कहा कि सकल कर क्रेडिट की सटीक रिपोर्टिंग केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण में देरी को भी दूर करेगी। परिषद अपनी अगली बैठक में कैसीनो, रेस कोर्स और ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार करेगी। राज्य के मंत्रियों के समूह ने सर्वसम्मति से इन सेवाओं पर टैक्स की दर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग की सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।