ब्रेकिंग
बृजमोहन अग्रवाल ने भाटापारा नगर में रोड शो कर जनता से भाजपा के लिए वोट मांगे कांग्रेस की राजनीति का उद्देश्य युवराज को लांच कर परिवार के लिए सत्ता का उपयोग करना है -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा न... बृजमोहन अग्रवाल का जन्मदिन माता देवालय वार्ड तालाब समीप में झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ ने वार्डवासियों के साथ मनाया रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल भाटापारा विधायक इन्द्र साव ने कांग्रेस की महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी का शुभारंभ किया थाना भाटापारा ग्रामीण पुलिस द्वारा भाटापारा क्षेत्र निवासरत एक बडे मोटरसाइकिल चोर गिरोह का किया गया पर्दाफाश मोटरसाइकिल चोर गिरोह के एक अपचारी बालक स... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:-विकास उपाध्याय क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को जिताया है,उसी प्रका... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:_विकास उपाध्याय। क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को भारी मतों से जिता... रायपुर के कांग्रेस भवन में भाटापारा विधायक इन्द्र साव का जन्मदिवस मनाया गया

किसानों के प्रदर्शन पर दिल्ली, यूपी और हरियाणा को NHRC का नोटिस, यातायात बाधित होने पर मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के मौजूदा आंदोलन की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान मुख्य सड़कों पर डेरा जमाए हुए हैं, जिसकी वजह से लोगों को घंटों तक जाम से जूझना पड़ रहा है। किसानों के प्रदर्शन से हो रही दिक्कत को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने नोटिस भेजा है।

किसानों के प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर किसानों के विरोध प्रदर्शन की रिपोर्ट मांगी है। इसमें प्रदर्शन की वजह से यातायात के बाधित होने से लोगों को हो रही परेशानी का जिक्र किया गया है।

बता दें कि हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में नौ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं । इनमें से अधिकतर किसान मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा से हैं। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि किसानों और सरकार के बीच दस राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन यह बेनतीजा रही थी ।