कोरोना मरीजों की नहीं हो पा रही डायलिसिस, एक की मौत
भोपाल। कोरोना मरीजों की फजीहतें बढ़ती जा रही हैं। किसी को बिस्तर नहीं मिल पा रहा है तो किसी को ऑक्सीजन नहीं मिलने से सांसे उखड़ रही हैं। उधर, किडनी फेल होने पर उनकी डायलिसिस भी नहीं हो पा रही है। ऐसे ही एक मरीज 51 साल के राजेन्द्र साहू की पांच दिन पहले बाग सेवनिया स्थित माउंट अस्पताल में मौत हो चुकी है। वजह, अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी। जिन अस्पतालों में डायलिसिस मशीनें हैं वहां बिस्तर ही खाली नहीं थे। कुछ अस्पताल कोरोना मरीजो
राजेंद्र साहू के परिजन ने बताया कि उन्हें 24 मार्च को माउंट अस्पताल में भर्ती कराया था। करीब 15 दिन तक इलाज के बाद उनकी कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव हो गई, लेकिन किडनी खराब हो गई थीं। माउंट अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा था उनके यहां डायलिसिस की सुविधा नहीं है। मरीज को कहीं और लेकर जाना होगा। हमीदिया में बात की। यहां कोरोना मरीजो के लिए दो मशीने वार्ड में रखी हैं। उनका उपयोग भी नहीं हो रहा है, लेकिन यहां पर बिस्तर ही खाली नहीं थे। एम्स में भी जाकर पूछा, लेकिन डायलिसिस की सुविधा देने से मना कर दिया गया। रेडक्रास अस्पताल में डायलिसिस की दो और जेपी अस्पताल में आठ मशीनें हैं। इसके बाद भी कोरोना मरीजों की डायलिसिस नहीं की जा रही है।
वार्ड में ही दी जाती है सुविधा
हमीदिया अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि कोविड वार्ड में ही डायलिसिस मशीन रखकर मरीज की डायलिसिस की जाती है। उन्होंने कहा कि हमीदिया अस्पताल में कई कोरोना मरीजों की डायलिसिस की जा चुकी है। कोविड ब्लाक–एक की तीसरी मंजिल में दो मशीनें लगाई भी हैं, लेकिन बिस्तर खाली नहीं होने की वजह से कई बार डायलिसिस वालें मराजों को भर्ती ही नहीं कर पाते।
सीटी स्कैन कराने में लग रहे 12 घंटे
कोरोना मरीजों को सीटी स्कैन कराने में भारी फजीहत हो रही है। सीटी स्कैन कराने में उन्हें 12 घ्ाटे लग रहे हैं। हबीबगंज नाके के पास एक केंद्र में गुरुवार को सीटी स्कैन कराने के लिए पहुंचे होशंगाबाद के रामकिशोर उपाध्याय ने बताया कि वह सुबह 11 बजे जांच कराने के लिए आए हैं, लेकिन सात बजे का नंबर मिला है। जांच कराने के बाद रिपोर्ट भी दूसरे दिन मिल रही है। जेपी अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर लगी सीटी स्कैन मशीन में जांच कराने के लिए भी इतना ही इंतजार करना पड़ रहा है