चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, मतगणना के दिन नतीजों के बाद किसी तरह के विजय जुलूस या जश्न पर प्रतिबंध
नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। मतगणना के दिन नतीजों के बाद किसी तरह के विजय जुलूस या जश्न पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। नतीजों के बाद प्रत्याशी सिर्फ दो लोगों के साथ रिटर्निंग ऑफिसर से जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है।
पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य चार राज्यों में चुनाव समाप्त हो गए है, जबकि बंगाल में एक चरण की वोटिंग बाकी है। ऐसे में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। बंगाल में सातवें चरण के वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों, रोड शो और पद यात्रा पर रोक लगा दी थी, आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से वर्चुअल सभाएं करने की अपील की थी।
Election Commission of India bans all victory processions on or after the day of counting of votes, on May 2nd. Detailed order soon. pic.twitter.com/VM60c1fagD
— ANI (@ANI) April 27, 2021
कोरोना से बचाव के लिए चुनाव आयोग ने सतर्क रहकर उठाए कदम
मद्रास हाईकोर्ट की आलोचना का जवाब देते हुए आयोग के सूत्रों ने कहा था कि आयोग ने पहले बिहार में और फिर चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के दौरान कोरोना से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए। कोरोना से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिम्मेदारी है, लेकिन आयोग ने संक्रमण से लोगों को बचाने के मकसद से बंगाल में प्रचार मुहिम पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों को लागू किया।
एक अधिकारी ने कहा कि नवंबर, 2020 में सफलतापूर्वक बिहार विधानसभा चुनाव कराने के लिए आयोग की क्षमता की व्यापक प्रशंसा हुई थी। उन्होंने कहा, ‘उस समय महामारी अपने न्यूनतम स्तर पर थी। देश में फरवरी में प्रतिदिन करीब 11,000 नए मामले सामने आ रहे थे और जनवरी-फरवरी में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में उपचाराधीन मामलों में गिरावट आ रही थी। टीकाकरण चालू हो गया था और आर्थिक सुधार के संकेत मिलने लगे थे।’
कोरोना की दूसरी लहर के लिए सिर्फ चुनाव आयोग जिम्मेदार : मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए सिर्फ वह ही जिम्मेदार है। हाई कोर्ट ने आयोग को सबसे गैर जिम्मेदार संस्था करार देते हुए कहा था कि आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
अदालत ने मौखिक चेतावनी दी कि वह दो मई को मतगणना रोकने से भी नहीं हिचकिचाएगी। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूíत की पीठ ने राज्य के परिवहन मंत्री और करूर सीट से अन्नाद्रमुक प्रत्याशी एमआर विजयभास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की।