ब्रेकिंग
बृजमोहन अग्रवाल का जन्मदिन माता देवालय वार्ड तालाब समीप में झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ ने वार्डवासियों के साथ मनाया रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल भाटापारा विधायक इन्द्र साव ने कांग्रेस की महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी का शुभारंभ किया थाना भाटापारा ग्रामीण पुलिस द्वारा भाटापारा क्षेत्र निवासरत एक बडे मोटरसाइकिल चोर गिरोह का किया गया पर्दाफाश मोटरसाइकिल चोर गिरोह के एक अपचारी बालक स... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:-विकास उपाध्याय क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को जिताया है,उसी प्रका... भाजपा सांसद सक्रिय होता तो क्षेत्र की इतनी दुर्दशा नही होती:_विकास उपाध्याय। क्षेत्र की जनता ने जिस प्रकार विधानसभा में कांग्रेस को भारी मतों से जिता... रायपुर के कांग्रेस भवन में भाटापारा विधायक इन्द्र साव का जन्मदिवस मनाया गया लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ी कांग्रेस की मुश्किलें, महादेव एप में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज सतगुरू कबीर संत समागम समारोह दामाखेड़ा पहुंच कर विधायक इन्द्र साव ने लिया आशीर्वाद

75 लाख वर्कर्स के लिए खुशखबरी, जल्द मिल सकता है ईपीएफओ की योजनाओं का लाभ

नई दिल्ली: देश के लाखों वर्कर्स के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत वेतन की अनिवार्य सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जा सकता है। एक हाई लेवल कमेटी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। अगर यह प्रस्ताव लागू किया जाता है तो इससे 75 लाख अतिरिक्त वर्कर्स इस योजना के दायरे में आ जाएंगे और उन्हें ईपीएफओ की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। ईपीएफओ ने करीब चार साल पहले इस बारे में वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।

हालांकि उच्च स्तरीय समिति ने कहा है कि सरकार सभी पहलुओं पर गौर करके इस प्रस्ताव को बाद में भी लागू कर सकती है। अभी अनिवार्य रूप से ईपीएफओ का सदस्य बनने के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये है। इसकी सीमा बढ़ाने से लाखों कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ पाएंगे और संगठन की सामाजिक योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। आखिरी बार 2014 में इस सीमा को बढ़ाया गया था। तब इसके 6,500 से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया था।

एम्पलॉयर पर बढ़ेगा बोझ

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी से कहा कि ईपीएफओ कवरेज पर एडहॉक कमेटी ने ईपीएफ एक्ट के तरह वेतन सीमा बढ़ाने पर सहमति जताई है। समिति का कहना है कि इसे कुछ समय रुककर लागू किया जा सकता है। अगर ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज इसे लागू करता है तो महंगाई के इस दौर में कर्मचारियों को काफी फायदा होगा।

कमेटी ने इस बारे में नियोक्ताओं से भी भी सलाह-मशविरा किया था। उनका कहना था कि कोरोना महामारी के कारण उनकी बैलेंस शीट पर दबाव है और उन्हें इसे लागू करने के लिए समय की जरूरत है। इससे नियोक्ताओं के साथ-साथ सरकार पर भी बोझ बढ़ेगा। अभी सरकार ईपीएफओ की पेंशन स्कीम यानी ईपीएफ में हर साल 6,750 करोड़ रुपये देती है। इस स्कीम के तहत सरकार ईपीएफओ के सदस्यों की कुल सैलरी का 1.16 फीसदी का योगदान करती है।

अभी हैं कई अड़चनें

मौजूदा नियमों के तहत 20 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के लिए ईपीएफओ में रजिस्टर होना अनिवार्य है और 15000 रुपये से कम वेतन वाले कर्मचारियों की लिए ईपीएफ स्कीम अनिवार्य है। वेतन की सीमा बढ़ाकर 21,000 रुपये किए जाने से ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी रिटायरमेंट योजना के दायरे में आएंगे। इससे वेतन की सीमा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के बराबर हो जाएगी।

ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में कर्मचारियों के प्रतिनिधि केई रघुनाथन ने कहा कि ईपीएफओ में इस बात को लेकर आम सहमति है कि ईपीएफओ और ईएसआईसी के तहत सामाजिक सुरक्षा देने के लिए समान मानक होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘दो स्कीमों में मानकों में अंतर से वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का नुकसान नहीं होना चाहिए।’ हालांकि लेबर यूनियंस को आशंका है कि इसे लागू करने में लंबा समय लग सकता है। ट्रेड यूनियन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि अभी इसमें कई बाधाएं हैं। इसमें वित्त मंत्रालय से मंजूरी भी शामिल है।