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SC का बड़ा फैसला, केरल के पद्मनाभ मंदिर ट्रस्ट को देना होगा 25 साल की आमदनी और खर्च का ब्योरा

केरल के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने 25 साल की लेखा परीक्षा से श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न्यास को छूट देने का अनुरोध करने वाली न्यास की याचिका बुधवार को खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने मंदिर की आय और व्यय की पिछले 25 वर्षों की लेखा-परीक्षा का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि लेखा परीक्षा शीघ्र अति शीघ्र पूरी हो जानी चाहिए और यदि संभव हो तो यह तीन महीने में पूरी हो जानी चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि विचाराधीन लेखा परीक्षा का उद्देश्य केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं था बल्कि न्यास से भी संबंधित था। इस निर्देश को 2015 के आदेश में दर्ज मामले में न्याय मित्र की रिपोर्ट के आलोक में देखा जाना चाहिए।” केरल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति ने त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा संचालित मंदिर न्यास की लेखा परीक्षा का अनुरोध करते हुए न्यायालय से 17 सितंबर को कहा था कि मंदिर बहुत मुश्किल समय से जूझ रहा है और वहां चढ़ाया जाने वाला दान इसके खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ से कहा था कि केरल के सभी मंदिर बंद हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘मासिक खर्च 1.25 करोड़ रुपये है, जबकि हमें मुश्किल से 60-70 लाख रुपये मिल पाते हैं इसलिए हमने कुछ दिशा-निर्देशों का अनुरोध किया है।’